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Fri, Sep 09 2022

Welfare Schemes

पूर्व सैनिकों को घर की मरम्मद के लिए आर्थिक मदत

जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो वह जान व माल का काफ़ी नुक़सान करती है। जब आपदा काफ़ी बड़ी होती है तो सेंट्रल और स्टेट गोवेर्मेंट आदि मदद करती है लेकिन जब आपदा छोटे लेवल पर होती है जैसे किसी ज़िले या गाँव में बाढ़ आना या छोटे लेवल पर लैंड स्लाइड की घटना इत्यादि होती है तो इससे उस गाँव या ज़िले में बहुत नुक़सान होता है। यदि इसी  प्रकार की किसी  प्राकृतिक आपदा में किसी 100% विकलांग पूर्व सैनिकों/वीर नारियों/ अनाथ बच्चों के घर को नुक़सान होता है तो उसकी मरम्मत के लिए केंद्रीय सैनिक बोर्ड की तरफ़ से Rs 20000 (अधिकतम) की ग्रांट मिलती है। यह स्कीम सन 1981 में Rs 2500 से शुरू की गयी।

इस स्कीम का उद्देश्य  सभी रैंक (OFFR/JCO/OR) की अनाथ लड़की और हविलदार या बराबर रैंक के  100% विकलांग पूर्व सैनिकों/वीर नारियाँ जिनके घर  प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गए हो उनको घर की मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

ज़रूरी शर्तें :-
आवेदक सभी रैंक की अनाथ बेटी होनी चाहिए।
आवेदक हवलदार/समकक्ष के रैंक तक का 100% विकलांग पूर्व सैनिक/ वीर नारी होनी चाहिए।
केवल केंद्र/ राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित प्राकृतिक आपदा के कारण घर क्षतिग्रस्त होना चाहिए।
ऐप्लिकेशन सम्बंधित ज़िला सैनिक बोर्ड और राज्य सैनिक बोर्ड द्वारा साइन/रेकमेंड होनी चाहिए।

Documents -
सर्विस डिस्चार्ज बुक की कॉपी।
हाउस ओनर्शिप सर्टिफ़िकेट।
राज्य या रेवेन्यू अधिकारियों द्वारा सर्टिफ़िकेट जो यह प्रमाणित करे की नुक़सान किस कारण हुआ है और लगभग कितने का नुक़सान हुआ है।
राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी सर्टिफ़िकेट/अधिसूचना जो यह प्रमाणित करे की नुक़सान प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ है।
पूर्व सैनिक/वीर नारी के लिए 100% विकलांगता का सर्टिफ़िकेट।
आवेदक से एक प्रमाण पत्र की उसने सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं ली है।
बैंक अकाउंट नम्बर (केवल SBI/PNB) और IFSC कोड।
ऐप्लिकेशन का एक निर्धारित फ़ॉर्मैट होता है जिसके साथ ऊपर लिखित दस्तावेज के साथ लगाकर ज़िला सैनिक बोर्ड में जमा करना होता है। ज़िला सैनिक बोर्ड  में ज़िला सैनिक वेल्फ़ेयर ऑफ़िसर इन ऐप्लिकेशन को चेक करता है और अगर ऐप्लिकेशन और डॉक्युमेंट्स सही है तो उन्हें हार्ड कॉपी और सॉफ़्ट कॉपी में  राज्य सैनिक बोर्ड में भेज दिया जाता है और राज्य सैनिक बोर्ड चेक करके केंद्रीय सैनिक बोर्ड में भेज देता है।

जैसे ही ऐप्लिकेशन केंद्रीय सैनिक बोर्ड में आती है उसे वेल्फ़ेयर सेक्शन में भेज दिया जाता है  वहाँ  क्लर्क उस ऐप्लिकेशन को दोबारा चेक करता है और ऐप्लिकेशन, दस्तावेज सही है तो उन्हें साइन के लिए जोईंट डॉरेक्टर (वेल्फ़ेयर) के पास पुट अप करते है। 3 महीने में जितनी भी ऐप्लिकेशन आती है उन्हें एक साथ कॉम्पटेंट अथॉरिटी के अप्रूवल के लिए पुट अप किया जाता है  और आर्म्ड फ़ॉर्सेज़ फ़्लैग डे फंड से सहायता प्रदान की जाती है।
 

Source - Fouji Adda

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